बाते तो बड़ी अच्छी कर लेते हो
पर बातो की गहराइयों में
जाने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
नमाजी बनकर रोज़े रखकर
मोमिन तो बन गए
पर इन्सान बनने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
दुनियादारी निभा रहे हो तो
दुनिया दार ही रहो
दिल को दिल से
मिलाने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
तुम क्या हो ,क्या है तुम्हारा वजूद
जान लो ईमानदारी के एक
झोंके से बिखर जाओगे
घना दरख़्त बनने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
मत करो ज़िद क़रीब आने की
किसी मजलूम को लूट कर
चाहे हाजी भी बन गए
दिल को दिल से
मिलाने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
ऱोज सॊ चूहे खाकर भी तुमने
हज तो कर लिया
अपने नाखूनों को छुपाकर
मुझसे आखँ मिलाने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
- गिरीश नागडा
पर बातो की गहराइयों में
जाने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
नमाजी बनकर रोज़े रखकर
मोमिन तो बन गए
पर इन्सान बनने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
दुनियादारी निभा रहे हो तो
दुनिया दार ही रहो
दिल को दिल से
मिलाने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
तुम क्या हो ,क्या है तुम्हारा वजूद
जान लो ईमानदारी के एक
झोंके से बिखर जाओगे
घना दरख़्त बनने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
मत करो ज़िद क़रीब आने की
किसी मजलूम को लूट कर
चाहे हाजी भी बन गए
दिल को दिल से
मिलाने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
ऱोज सॊ चूहे खाकर भी तुमने
हज तो कर लिया
अपने नाखूनों को छुपाकर
मुझसे आखँ मिलाने की ताब और आब
न तुममे है न इनमे है ।।
- गिरीश नागडा